यून सोक-योल की पहली गिरफ़्तारी से बचना: प्रशासनिक फ़ैसले के बावजूद, दक्षिण कोरिया की पब्लिक प्रॉसेक्यूटर ऑफ़िस राष्ट्रपति के आश्रय स्थल पर प्रवेश करने से इनकार

यून सोक-योल की पहली गिरफ़्तारी से बचना: प्रशासनिक फ़ैसले के बावजूद, दक्षिण कोरिया की पब्लिक प्रॉसेक्यूटर ऑफ़िस राष्ट्रपति के आश्रय स्थल पर प्रवेश करने से इनकार

वर्ष २०२५ की कुछ ही दिनों में दक्षिण कोरिया के संवैधानिक संकट का और एक नया फ़ैलो ड्रैमाटिक आरेस्ट वॉरेंट की रचना के रूप में हुआ है.

३ जनवरी को पाँच से अधिक घंटों तक जालृत्त होने वाले एक टेंसी से भरे ख़िड़की के बाद दक्षिण कोरियाई जांचकर्ताओं ने देश के पदसं हित हुए राष्ट्रपति यून सूक-योल को दक्षिण कोरिया के बेचक़ैन शहर नागरिक सेवा प्राधिकरण के सेटेलाइट ऑफिस से निकलती एक वाहन से उनके राष्ट्रपति निवास स्थल नहीं गिरफ़्तार किया.

सरकारी अधिकारियों को प्रेसिडेंटल रेज़िडेंस में प्रवेश करना ऐसा कैसे मुश्किल था? दक्षिण कोरिया के साइबर ओफिस ने क्यों नहीं रेज़िडेंस में फोर्सिबली प्रवेश किया? और पकड़े ना जाने के बाद यून के लिए आगामी क्या है?

३ जनवरी की सुबह साइबर ओफिस के दक्षिण कोरिया के जनरल रिज़र्व में साइबर ओफिस के राष्ट्रीय पत्रों के आधे अधिकारी शिकार्डी की अधिकारी दक्षिण कोरिया के बैचक़ैन शहर ग्वाचेहन में सरकार के सेटेलाइट ऑफिस से निकलती एक वाहन द्वारा रेज़िडेंस पहुंचे.

राष्ट्रपति निवास स्थल हनाम-डोंग, जोंगनो-गु, दक्षिण कोरिया के दक्षिण-पश्चिमी महानगर क्षेत्र केंद्र में ७ से बारह सितंबर को दो साल के बाद भी में प्राप्त हुए और पुलिस कोर्डन को हिलाकर ८ बजे बारह सितंबर को दो साल के बाद भी में रेज़िडेंस में प्रवेश किया.

अच्छी तरह से प्रक्रिया निकालने के लिए साइबर ओफिस के अधिकारी ने साइट से डिप्लाइ किए थे. वे वहां रहे जिससे ख़ास जांच करती टीम पद संहित हुए राष्ट्रपति को गिरफ़्तार करने के तरीके निकालने के लिए अनुरोध कर रहे थे.

३ जनवरी २०२४ को सियोल, दक्षिण कोरिया में राष्ट्रपति निवास में प्रवेश करने वाले दक्षिण कोरिया के उच्च-स्तरीय नागरिक अधिकारियों के अपराध जांच एजेंसी से ख़ास साइबर ओफिस जिस से कोरिया को ग़िरफ़्तार करने की कोशिश शुरू करने के लिए.

कुल १५० अधिकारी - सीआईओ से ३० और पुलिस ख़ास जांच करती टीम से १२० - प्रक्रिया में शामिल हुए. ख़ास जांच करती टीम के आठ हजार सदस्यों ने रेज़िडेंस में प्रवेश किया, जबकि ७० को रेज़िडेंस के कंप्यूटर साइट पर रहा. और हज़ारों अतिरिक्त पुलिस अधिकारी थे जो यून के सुरक्षा दल के सदस्यों और शोधकर्ताओं के बीच चिलम के विनाशकारी संघर्षों की स्थिति के लिए स्टेंडबाय पर थे.

प्रेसिडेंटियल सुरक्षा ऑफिस (पीएसओ) की रक्षा में कोरिया के राष्ट्रपति और पहली परिवार के लिए जिसकी ज़िम्मेदारी है राष्ट्रपति निवास स्थल का परिमिटर, जिसे शोधकर्ता क्रिमिनल प्रोसेसिंग एक्ट और दक्षिण अपील ऑफिस की देखभाल करते हुए भी कानून के अनुसार करेंगे. पद संगिता हुए राष्ट्रपति को सीआईओ द्वारा गिरफ़्तार करने के अनुसार इतनी देर तक इंटरव्यू और गिरफ़्तारी वॉरेंट के साथ एक बार फ़िर शोधकर्ता के प्रवेश को बांधने के लिए दक्षिण कोरिया का क्रिमिनल प्रोसेसिंग एक्ट और राष्ट्रपति निवास को एक "सुरक्षा ज़ोन" के रूप में डिज़ाइनेट किया गया है का उल्लेख किया.

पीएसओ के क्रियाओं ने ग़ुंजाइश की आवश्यकता के बाद वाले शोधकर्ताओं को रेज़िडेंस में प्रवेश नहीं करने दिया.

३ जनवरी २०२४ को सियोल, दक्षिण कोरिया में दक्षिण कोरिया के उच्च-स्तरीय नागरिक अधिकारियों के अपराध जांच एजेंसी से राष्ट्रपति निवास से निकल रहे अधिकारी और पुलिस अधिकारी

कई नज़रिये देखनेवालों ने टेकोस को लेकर संभवतः संभव नहीं था कोई भी असंभव था यह रवैयें को हिसाब से मुश्किल होगी, अगर भी नहीं तो.

ज़्यादा नज़र देखनेवालों को लेकर मुद्दा सबसे निशाना देखने को लेकर था पीएसओ, जिसका ज़िम्मेदारी है दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति और पहले परिवार को सुरक्षा प्रदान करना. ३१ दिसंबर को गिरफ़्तारी वॉरेंट जारी करने के बाद से पीएसओ ने एक बयान जारी कर दिया, जिसमें कहा गया, "हम एक बार फ़िर सीआईओ के द्वारा गिरफ़्तारी की कोशिश के उसके दुर्गम दौरान पद संदिग्ध हुए राष्ट्रपति की हम गिरफ़्तारी में ज़ुरूरत है. ऐसा चला उसके दुर्गम दौरान क्योंकि प्रेसिडेंटियल सुरक्षा ऑफिस के दिरेक्टर पाक जेंग-जून की राय का उपयोग नहीं किया जा सकता."

नवंबर में पीएसओ ने ब्लू हाउस और दक्षिण कोरिया के केंद्र में एक सेफह़ोस में प्रवेश करने वाले शोधकर्ताओं को रोकने में सफल रहा था क्योंकि उसने देश के क्रिमिनल प्रोसेसिंग एक्ट का उल्लेख किया जिसमें शोधकर्ताओं को मिलिटरी या सरकारी जालृत्त रहने वाले इमारतों में प्रवेश नहीं करना और सार्वजनिक अधिकारियों के दस्तावेज़ जमानत लेना सैन्य जनरलों या सरकारी अधिकारियों की राय के बिना निषेध किया गया है.

पीएसओ के सदस्यों ने ३ जनवरी को गिरफ़्तारी की कोशिश के दौरान ये मौक़ा बनाया रखा. सीआईओ के शोधकर्ताओं के द्वारा गिरफ़्तारी और ख़ोज वॉरेंट का प्रेसेंटेशन भी हुआ, लेकिन यह वाला क्रिमिनल प्रोसेसिंग एक्ट और राष्ट्रपति निवास को एक "सुरक्षा ज़ोन" के रूप में डिज़ाइनेट किया गया है पीएसओ ने शोधकर्ताओं के प्रवेश रोकना और एक बार फ़िर देश के क्रिमिनल प्रोसेसिंग एक्ट का उल्लेख किया और इस तरह से पीएसओ के क्रियाओं ने ग़ुंज़ाइश की आवश्यकता वाले वाले हवाले से शोधकर्ताओं को रेज़िडेंस में प्रवेश नहीं करने दिया.

३ जनवरी २०२४ को सियोल, दक्षिण कोरिया में यून को सीआईओ के शोधकर्ताओं ने गिरफ़्तार करने की कोशिश की लेकिन उनके सुरक्षा टीम ने राष्ट्रपति निवास से रोकने की ग़